Sui Dhaaga Box Office Collection Day 1: मार्केट एनालिस्ट तरन आदर्श ने इस फिल्म की कमाई के आंकड़े जारी किए हैं. तरन आदर्श ने बताया है कि वीकेंड पर इस फिल्म छुट्टी का फायदा मिल सकता है और ये फिल्म अच्छी कमाई कर सकती है.
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्म 'सुई धागा' को बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन अच्छी कमाई नहीं कर पाई है. इस फिल्म को एशिया कप फाइनल मैच की वजह से काफी नुकसान हुआ है. पहले दिन ये फिल्म सिर्फ 8.30 करोड़ ही कमा पाई है. मार्केट एनालिस्ट तरन आदर्श ने इस फिल्म की कमाई के आंकड़े जारी किए हैं. तरन आदर्श ने बताया है कि वीकेंड पर इस फिल्म छुट्टी का फायदा मिल सकता है और ये फिल्म अच्छी कमाई कर सकती है.
वीकेंड ही नहीं इस फिल्म को आगे भी अच्छा फायदा मिलने वाला है. दो अक्टुबर को गांधी जयंती की छुट्टी का फायदा भी इस फिल्म को मिलेगा. ये फिल्म भारत में कुल 2500 स्क्रीन और विदेशो में 700 स्क्रीन पर रिलीज हुई है. इस फिल्म का वरुण और अनुष्का ने जमकर प्रमोशन किया है. जितने बड़े तरीके से फिल्म को प्रमोट किया गया, पहले दिन उस लिहाज से ये फिल्म अच्छा नहीं कमा पाई. इसे शरत कटारिया ने डायरेक्ट किया है. ये फिल्म सरकार के 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है. फिल्म की कहानी इस फिल्म की कहानी मध्य प्रदेश के चंदेरी के ईर्द गिर्द बुनी गई है. मौजी (वरुण धवन) अपनी आजीविका चलाने के लिए दुकान में नौकरी करता है जिसके साथ अक्सर ही कुछ ऐसा होता रहता है जो उसकी पत्नी ममता (अनुष्का शर्मा) को अच्छा नहीं लगता. ममता उसे अपना काम शुरू करने के लिए कहती है. सिलाई-कढ़ाई के मामले में मौजी को महारत हासिल है. दोनों मिलकर एक सपना देखते हैं कि वो अपनी कंपनी खोलेंगे और मेड इन इंडिया के टैग से उसे बचेंगे. लेकिन उनके पास ना तो पैसे हैं और ना ही सिलाई मशीन? ना परिवार का सपोर्ट है और ना ही कोई गॉड फादर? ये सपना आखिर दोनों कैसे पूरा करते हैं? यही कहानी है. कैसी है फिल्मइस फिल्म को 2.5 स्टार देते हुए एबीपी न्यूज़ ने अपने रिव्यू में लिखा है, ''फिल्म की सबसे बड़ी खामी ये है कि इसमें फ्लो नहीं है. ये फिल्म कई हिस्सों में लगती है. एक सीन शुरु होकर खत्म हो जाता है. फिर कुछ और... यही वजह है कि 2 घंटे 15 मिनट की ये फिल्म बहुत बोर करती है. ये कॉमेडी ड्रामा फिल्म ना कहीं हंसाती ना ही रुला पाती है. अगर आप समाज से जुड़े मुद्दों से सरोकार रखते हैं तो ये फिल्म देखिए. नहीं तो अपने रिस्क पर देखिए.'' यहां पढ़ें रिव्यू- आम आदमी के संघर्ष की कहानी है 'सुई धागा', ओवरएक्टिंग से कमजोर हुई फिल्म